ये हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ बड़े खतरे! सावधानी हटी दुर्घटना घटी
टीम इंडियामंक
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) यानी आभासी समझ बेहद उपयोगी है। खासकर चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी तकनीक साबित होने जा रही है। हर तकनीक के फायदे और नुकसान हैं। एआई भी अपवाद नहीं है। एआई के इन खतरों या चुनौतियों को समझकर आप इनसे आसानी से निपट सकते हैं।
1. डाटा सुरक्षा या गोपनीयता की चुनौती : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के साथ डाटा सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। आपका डाटा यानी अपकी सूचनाएं अपकी संपदा है। इसकी हैकिंग न हो, इसके लेकर सतर्क रहें। विशाल डाटा जमा होने के कारण, व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता बनाएं रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
2. विध्वंसक परिणाम: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अभी आंख बंद कर भरोसा नहीं कर सकते। तकनीकी स्तर पर कई खामियां हो सकती हैं, जैसे कि एल्गोरिद से जुड़ी त्रुटियां। इनके चलते एआई के परिणाम विध्वंसक हो सकते हैं। यहां एआई के नतीजे अपने विवेक की रोशनी में देखें।
3. नौकरियों पर संकट: कुछ कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन के कारण मानव कामकाज की भूमिकाएं बदल सकती हैं। जिससे नौकरियों की संख्या में कमी अहम है। हालांकी, दीर्घकाल में इस तरह की चिंताएं आधारहीन साबित हो सकती हैं।
4. संबंधों का मशीनीकरण: मौजूदा समय में मानवीय व्यवहार पहले ही यांत्रिकता में तब्दील होता जा रहा है। एआई पर अतिरिक्त निर्भरता मानवीय संबंधों का और मशीनीकरण कर सकती है। जिसके चलते मानवीय व्यवहार और यांत्रिक और प्लास्टिक प्रवृत्ति में तब्दील हो सकता है। ऐसा हुआ तो यह बड़ी मानवीय क्षति होगी। सजग रहें।
5. कुंद विचारशीलता: यह संभव है कि गति को वरीयता देते हुए हम सोचने विचारने की क्रिया की एआई से आउटसोर्सिंग करें। एआई आधारित साहित्य रचना में तथ्यों की सशक्तता जरूरी होगी, लेकिन उनमें विचारशीलता के अभाव की आशंका बनी रहेगी।
6. दुरुपयोग: कुछ पूंजीपति और संस्थान मिलकर उन्नत एआई का दुरुपयोग कर सकते हैंं।
-निष्कर्ष: एआई का सेवक के रूप में सदुपयोग करें, इस तकनीक में मालिक बनने की प्रवृत्ति निहित है, सजग रहें।