
उम्मीदों की बारिश: भारत में 2025 में सामान्य से अधिक रहेगा मानसून, कृषि और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
इंडियामंक ब्यूरो
नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग #Imd ने 2025 के मानसून सीजन के लिए सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की है, जो दीर्घकालिक औसत का 105% रहने की संभावना है। यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब देश में औसत से अधिक वर्षा होगी। होगी। हालांकि, उत्तर-पश्चिम, पूर्वोत्तर और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से कम हो सकती है।
🌾 कृषि क्षेत्र में नई उम्मीदें
तकरीबन आधा भारतीय कृषि क्षेत्र मानसून वर्षा पर निर्भर हैं, क्योंकि वहां सिंचाई की सुविधा नहीं है। अच्छी वर्षा से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे खाद्य कीमतों में स्थिरता आएगी और आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा। 2024 में, भारत में औसत की 107.6% वर्षा हुई थी, जिससे देश ने चावल और प्याज के निर्यात पर प्रतिबंधों में ढील दी और सीमित मात्रा में चीनी का निर्यात किया। 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा से चावल, प्याज और चीनी के निर्यात में वृद्धि की उम्मीद है, साथ ही खाद्य तेल आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
📉 मुद्रास्फीति में गिरावट और आर्थिक प्रोत्साहन
मार्च 2025 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 3.34% के पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में और कटौती करने का अवसर मिल सकता है, जिससे आर्थिक विकास को और बढ़ावा मिलेगा।
🌐 वैश्विक प्रभाव और निर्यात में वृद्धि
भारत, जो विश्व का प्रमुख चावल और प्याज निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है, को अनुकूल मानसून परिस्थितियों से महत्वपूर्ण लाभ होगा। अच्छी वर्षा से इन फसलों का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे निर्यात में वृद्धि होगी और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
🔍 निष्कर्ष
2025 में सामान्य से अधिक मानसून वर्षा की संभावना से भारत की कृषि और अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है। हालांकि, क्षेत्रीय असमानताओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सतर्कता और उचित योजना आवश्यक होगी।