‘डेथ टू डार्कनेस ‘ – ग्राफिटि आर्टिस्ट शम्सिया हस्सानी की नजर से आज का अफगानिस्तान!

अफगानिस्तान की मशहूर ग्राफिटि आर्टिस्ट और फाइन आर्ट टीचर शम्सिया हस्सानी ने अपनी आर्ट के जरिए अफगानिस्तान के लोगों का दर्द बयान किया है.

अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के जन मन में क्या चल रहा है, शम्सिया हस्सानी की पेंटिंग्स से उसका  अंदाजा लगाया जा सकता है!

डेथ टू डार्कनेस, नाइटमेर शीर्षक से हस्सानी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ये पेंटिंग पब्लिश की हैं.

खासतौर से महिलाओं की आजादी और मासूमों के ख्वाब किस तरह चकनाचूर हो गए, हस्सानी की कलाकृतियां उसकी जबरदस्त बानगी पेश करती हैं.

अफगानिस्तान के शुरुआती ग्राफिटि कलाकारों में शामिल शम्सिया हस्सानी की ये पेंटिंग उन लोगों की गाल पर भी करारा तमाचा है, जो वहां तालिबान के कब्जे को अफगानिस्तान के लोगों के लिए,’ गुलामी की बेड़ियों ‘ को काटने या कथित नये तालिबान को ‘शांति का मसीहा’ बताने पर तुले है.

बहरहाल शम्सिया हस्सानी की इस चित्रकारी को देखिए और बर्बर तालिबान से खौफजदा आम अफगानी नागरिकों की बेबसी को महसूस कीजिए.

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